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अगले ही दिन उस ने कंपनी को अपना इस्तीफा सौंप दिया और ग्रूमिंग इंस्टिट्यूट जौइन कर लिया. वहां उसे पहले बेसिक जानकारी दी गई और बताया गया कि आगे उस की चालढाल, खानेपीने का तरीका और बात करने का स्टाइल भी सिखाया जाएगा. उस की ड्रैसिंग सैंस, हेयरस्टाइल, मेकअप और बौड़ी फिटनैस पर भी डिटेल से बात होगी.

ग्रूमिंग इंस्टिट्यूट जौइन करने के बाद तृप्ति अब और भी ज्यादा बिजी रहने लगी थी. अब उस के आने जाने का समय निश्चित नहीं रहता था. किसी दिन ग्रूमिंग क्लास बहुत देर तक चलते और कभीकभी वह बहुत जल्दी भी फ्री हो जाती और घर आ जाती. एक दिन वैसे ही वह जल्दी फ्री हो गई और घर आ रही थी.

अभी वह लिफ्ट से दूर ही थी कि उस ने देखा अमित एक लड़की के साथ निकल रहा है. वह चौंक पड़ी. उस के दिमाग में सवाल कौंधा कि यह लड़की कौन है जिसे अमित अपने घर ले कर आया है. वह लड़की दिखने में बहुत खूबसूरत नहीं थी, लेकिन एक अजीब सा आकर्षण था उस में. वह तृप्ति की तरह दुबलीपतली नहीं बल्कि सुडौल बौडी की लड़की थी.

इस घटना के बाद एक दिन और तृप्ति ने अमित को उसी लड़की के साथ एक मौल में देखा. यह देख कर वह अंदर से थोड़ी परेशान हो गई. कहीं न कहीं वह लड़की अमित के काफी क्लोज है, यह बात तृप्ति को समझ आने लगी. अब वह अमित पर नजर रखने लगी. वह यह भी ध्यान देने लगी कि अमित आजकल हर समय किसी से फोन में लगा रहता है या फिर उस की व्हाट्सऐप पर बातें होती रहती हैं. कई बार वह इयरफोन लगा कर बिजी रहता.

एक दिन अमित नहाने गया हुआ था. तब तृप्ति ने उस का फोन चैक करने की कोशिश की मगर अमित का फोन लौक था. इसलिए उसे कुछ पता नहीं चल सका. ऐसे ही एक दिन जब अमित वाशरूम में था तभी उस का मोबाइल बजा. तृप्ति जल्दी से मोबाइल के पास गई तो देखा कि स्क्रीन पर काजल नाम ब्लिंक कर रहा है. उस ने फोन रिसीव कर लिया.

सामने से मीठी सी आवाज आई, ‘‘हैलो डियर, क्या बात है आज तुम ने बड़ी देर में फोन उठाया? अब यह बताओ कि कब मिल रहे हैं?’’

यह सुन कर तृप्ति के दिलोदिमाग में हलचल सी मच गई. लेकिन उस ने इसे जाहिर नहीं होने दिया और चुपचाप फोन काट कर अपने काम में लग गई. मोबाइल फिर से बजा और तब तृप्ति ने कौल रिसीव कर के लड़की से कहा, ‘‘अभी अमित बिजी है. वैसे तुम हो कौन?’’

काजल बोली, ‘‘मैं काजल हूं उस के औफिस में काम करती हूं और वह मेरा दोस्त है.’’

काजल ने व्हाट्सऐप कौल किया था और तृप्ति को उस का फेस नजर आ रहा था. यह चेहरा उसी लड़की का था जिसे उस ने अपने घर से निकलते हुए देखा था. तृप्ति सम?ा रही थी कि दाल में कुछ काला जरूर है. फिर दिल के एक कोने से आवाज आई कि हो सकता है वह औफिस कुलीग के सिवा कुछ न हो. मगर मन का एक कोना जिरह कर रहा था. उसे महसूस हुआ जरूर अमित इस लड़की के प्यार में है तभी आजकल वह करीब आने के लिए फोर्स नहीं करता. तृप्ति अब हर समय अमित का मोबाइल और उस का दिल टटोलने की कोशिश करती.

एक दिन तृप्ति ने अमित से पूछा, ‘‘यह काजल कौन है?’’

तब अमित ने बताया, ‘‘मेरी कुलीग है. मुझ से भी ज्यादा इनकम है उस की और जानती

हो उस का ऐटीट्यूड मुझे बहुत पसंद है.’’

‘‘अच्छा, और क्याक्या पसंद है?’’

‘‘तुम्हारी आंखें, तुम्हारा चेहरा.’’

‘‘मैं अपनी नहीं काजल की बात कर रही हूं.’’

‘‘अरे यार तुम भी न ज्यादा सोचने लग जाती हो. तुम्हें पसंद करने के बाद किसी और को पसंद करने का समय किस के पास है,’’ कह कर उस ने तृप्ति को अपनी तरफ खींच लिया.

तृप्ति पूरे मन से अमित की आंखों में खो गई. इन आंखों में उसे अपने लिए प्यार नजर आया. कोई धोखा कोई दगाबाजी नजर नहीं आ रही थी. मगर तृप्ति को एक बड़ा धक्का तब लगा जब अमित उस का बर्थडे ही भूल गया. उस दिन सुबह से ही वह प्लान बना रही थी कि अमित के साथ कहीं बाहर जाएगी. उसने अपना बर्थडे याद तो नहीं दिलाया मगर अमित से यह जरूर कहा कि आज जल्दी आ जाए. तृप्ति खुद भी जिम नहीं गई और देर तक तैयार होती रही. उसे पूरा यकीन था कि हर साल की तरह अमित उसे सरप्राइज देगा. मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ. उलटा वह रात में बहुत देर से आया.

तृप्ति कपड़े बदल चुकी थी और मुंह फुला कर बैठी हुई थी. तभी अमित आया और आते ही वह मोबाइल में लग गया. फिर जल्द ही सोने भी चला गया. तब वह पूरी रात जागती रही और सोचती रही कि उस से गलती कहां हुई है. वह तो अमित के सपनों को पूरा करने की कोशिश में लगी हुई है और इसी वजह से अपने रिश्ते पर या किसी और चीज पर भी ध्यान नहीं दे पा रही है.

अपनी जौब भी उसे छोड़नी पड़ी ताकि अमित खुश रहे. मगर वह तो अपनी ही दुनिया में मग्न हो चुका था. तृप्ति का मन बहुत खालीखाली सा हो गया. वह सोचने लगी कि क्या सचमुच अमित पहले की तरह उसे अब प्यार नहीं करता.

तृप्ति ने खुद को मिरर में देखा. न तो पहले जैसी रौनक उस के चेहरे पर थी और न बदन पर. अब वह स्लिमट्रिम तृप्ति बन चुकी थी. शरीर में हड्डियां ज्यादा दिख रही थीं और मांस कम हो गया था. इस दौरान उस ने कम से कम 10 किलोग्राम वजन घटा लिया था. उसे खुद ही अपना यह रूप अच्छा नहीं लग रहा था, जबकि एक मौडल बनने के लिए उसे यह सब करना पड़ा था. अमित के सपने को पूरा करने के लिए वह तनमन से जुटी हुई थी. पर अब उसे अपने अंदर कुछ टूटा हुआ सा महसूस होने लगा था.

अगले दिन तृप्ति ने अमित से कोई बात नहीं की और सुबहसुबह मौर्निंग वाक के लिए घर से निकल गई. उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. वह अपने जीवन में आए इस मोड़ पर विचार करना चाहती थी कि उसे अब क्या करना चाहिए. वह तब तक घर वापस नहीं लौटी जब तक कि अमित के औफिस जाने का समय नहीं हो गया. जब उसे लगा कि अमित जा चुका होगा तो वह वापस घर पहुंची. आज न तो वह ग्रूमिंग क्लास के लिए गई और न ही जिम.

तृप्ति ने बहुत सोचा फिर उसे लगा चलो एक बार अंतिम कोशिश की जाए. इसलिए वह शाम को बहुत खूबसूरत और हौट सी ड्रैस पहन कर और अच्छी तरह सजसंवर कर अमित के आने का इंतजार करने लगी. अमित आया तो वह अपनी अदाओं के तीर चलती हुई उस के करीब आई. तृप्ति ने उस के लिए पहले ही खाना बना कर रखा था. वह खाना परोसने लगी.

मगर अमित ने साफ मना कर दिया, ‘‘नहीं यार आज बाहर से खा कर आया हूं.’’

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