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 मुल्क राज ग्रोवर

आंटी ने कहा, ‘जल्दी किसी बड़े होटल में सगाई समारोह करना होगा. आज… या ज्यादा से ज्यादा कल तक.’

अगले ही दिन एक शानदार होटल में बड़ी धूमधाम से समीर के साथ मेरी सगाई हो गई. समीर के परिवार में सभी को बहुत महंगे तोहफे दिए गए. डायमंड की अंगूठियां व महंगी घडि़यों से ले कर डिजाइनर साडि़यां व सूट आदि सभी तोहफे बहुत महंगे थे.

मेरी मम्मी बहुत खुश थीं. पापा को भी सब ठीक लग रहा था. मम्मी की खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी. आखिरकार उन की बेटी अब अमेरिका चली जाएगी. वे भी सालछह महीने में एक बार वहां हो आएंगे.

अमेरिका में सैटल्ड लड़के के साथ मेरी सगाई की बधाइयां अभी भी आ ही रही थीं कि अमेरिका लौटने के अगले ही दिन समीर की मम्मी का फोन आ गया, ‘मिसेज रजनी, आप ने जो तोहफे दिए हैं, वे हमारे किस काम के. यहां अमेरिका में कौन पहनेगा इतनी हैवी साडि़यां और डै्रसेज. डायमंड ऐंड गोल्ड ज्वैलरी इज ओके बट वट टु डू विद दीज हैवी सारीज ऐंड सिल्ली ड्रैसेज. ये सब हमारे लिए बेकार हैं. यही पैसे आप ने समझदारी से खर्च किए होते… इट वुड हैव गिवन सम वैल्यू टु अस.’

समीर की मम्मी का ऐसा रूखा व्यवहार देख कर मम्मी ने अपनी गलती मान ली, ‘शिखाजी, हम से गलती हो गई. आप बुरा न मानें. आगे हम ध्यान रखेंगे.’

मम्मी ने स्वीकार कर लिया ताकि वे नाराज न हो जाएं और आगे सावधानी बरतने का विश्वास भी उन्हें दिला दिया. मुझे समीर की मम्मी का व्यवहार और अपनी मम्मी का गलती मान लेना अच्छा नहीं लगा, लेकिन मैं चुप रही.

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‘मिसेज रजनी, हम डायमंड ज्वैलरी और वे गिफ्ट जो हमें ठीक लगे, साथ ले आए हैं, बाकी सब वहीं तनवी के पास छोड़ आए हैं. आप मंगवा लेना, शायद आप के किसी काम आ जाएं.’ मिसेज शिखा ने मम्मी को खूब खरीखोटी सुनाई. मम्मी जीजी करती उन की बेतुकी डांट चुपचाप सुनती रहीं.

सगाई के बाद अमेरिका लौट कर समीर की मम्मी का यह पहला फोन था. मम्मी उम्मीद कर रही थीं कि सगाई की रस्म कम वक्त में इतने बढि़या तरीके से करने पर वे उन का थैंक्स कहेंगी और हमारे दिए तोहफों के लिए आभार जताएंगी, लेकिन इतने करीबी और नएनए जुड़े रिश्ते का भी खयाल न रखते हुए उन्होंने जिस तरह मम्मी के साथ व्यवहार किया, उन्हें उस की जरा भी उम्मीद नहीं थी.

कुछ दिन तक मम्मी बहुत परेशान रहीं. पापा को सारी बात न बता कर इतना बताया कि हमारे तोहफे उन्हें पसंद नहीं आए, इसलिए शादी के वक्त हमें ध्यान रखना होगा. रिश्तों की गरिमा को ताक पर रख कर समीर की मम्मी के कड़वे बोलों ने उन्हें चिंता में डाल दिया था.

अपनी चिंता आंटी से शेयर करने के लिए मम्मी ने उन के भाई के घर फोन किया. वहां से पता चला कि वे अमेरिका लौट गई हैं. उन्होंने उसी वक्त आंटी को अमेरिका फोन कर दिया. आंटी ने मम्मी को विश्वास दिलाया, ‘चिंता की कोई बात नहीं. वे उन लोगों से बात कर के हमें वापस फोन करेंगी.‘

सगाई के बाद जब भी समीर से मेरी बात हुई, वह बेहद फीकी रही. न रोमांचक, न रोचक. जब भी मैं ने कुछ पूछा, उस ने हमेशा सधा सा जवाब दे दिया, ‘जब मैं वहां पहुंचूंगी, सब जान लूंगी.’ कई बार तो बात बस हां और ना पर ही खत्म हो जाती. समीर का इस तरह अनमना व्यवहार मुझे अच्छा नहीं लगा. मैं ने मम्मीपापा को समीर के रूखे व्यवहार के बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन मुझे बहुत बुरा लगा. मैं चुप रही. मम्मी के लिए एक और चिंता खड़ी करने से अच्छा है, चुप रहना.

मैं मम्मी को किसी नई चिंता में उलझने से कहां तक बचा पाती, क्योंकि अगले दिन तनवी आंटी का फोन आ गया. उन्होंने जो बताया, उस से हमारा सारा उत्साह फीका पड़ गया.

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‘भाभी, यहां कुछ ठीक नहीं लग रहा. आप जानती हैं अमेरिका में मंदी आने से बिजनैस पर असर पड़ा है और बिजनैस मंदी की वजह से बुरे दौर से गुजर रहा है. वे लोग भी परेशान हैं. मुझे यह भी पता चला है कि वे लोग इंडिया वापस आने की भी सोच रहे हैं.

पिछली बार इंडिया आने का उन का मकसद यहां सही अवसर देखने के साथ समीर के लिए लड़की देखना भी था. उन्होंने नेहा के अलावा और भी 3-4 लड़कियां देखी थीं. मिसेज शिखा ने तब झूठ बोला

था कि वे मेरे कहने पर नेहा को देखने आ गए थे. यहां आ कर जो कुछ मुझे पता चला है, मैं ने आप को बता दिया. अब आप जैसा ठीक समझें.’

तनवी आंटी ने जो बताया, वह मम्मीपापा के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गया. वे लोग वापस इंडिया लौटने की सोच रहे हैं. नेहा के अलावा उन्होंने और लड़कियां भी देखीं. मिसेज शिखा कह रही थीं, तनवी ने प्रपोजल दिया, इसलिए हम आ गए.

मम्मी अपना गुस्सा समीर की मम्मी पर निकालने लगीं, ‘वाह शिखाजी, डायमंड ज्वैलरी और महंगे तोहफे तो साथ ले गईं. बाकी यहां छोड़ गईं. ऐसा सामान देते जिस की हमें वैल्यू मिलती. वैल्यू की बड़ी पहचान है आप को.’

मेरे पापा पहले ही उन से नाराज बैठे थे. कुछ दिन पहले समीर के पापा ने अमेरिका से फोन कर अपने लिए होटल बुक करवाने के लिए कहा था और होटल का बिल हमारे नाम करवा कर चले गए. अमेरिका लौट कर फोन पर सौरी कह कर अपनेआप को बचा लिया.

कुछ दिन घर में उदासी छाई रही. मम्मीपापा दोनों परेशान थे. मैं भी असमंजस की स्थिति में थी. इसी उधेड़बुन में 3 महीने से ज्यादा निकल गए. इस बीच न उधर से कोई फोन आया, न ही हम ने उन से बातचीत करने की पहल की. जो भी हुआ हम उसे भुलाने की कोशिश में थे कि अचानक तनवी आंटी का अमेरिका से फोन आ गया. आंटी समीर की मम्मी के पास बैठ कर वहीं से फोन कर रही थीं. उन्होंने मम्मी को बताया कि शिखा ने फोन पर उन्हें जो बुराभला कहा था, उस के लिए वे मेरी मम्मी को सौरी कहना चाहती हैं.

आंटी ने फोन समीर की मम्मी को दे दिया, ‘मिसेज रजनी, मैं शिखा, समीर की मम्मी. दैट डे आई वाज इन ए वैरी बैड मूड. मेरा मकसद आप का दिल दुखाने का नहीं था. आई एम रियली सौरी. नेहा हमें बड़ी अच्छी लगी. शी इज ए लवली गर्ल और हम उसे अपनी बहू बनाना चाहते हैं. आई होप यू विल नौट डिसअपौइंट अस. आप मेरी बात मान लीजिए. मैं आप को फिर एक बार सौरी बोल रही हूं’.

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‘शिखाजी, आप ऐसा न कहिए, आप को सौरी बोलने की जरूरत नहीं. आप लोग हमें बड़े अच्छे लगे. आप जैसे लोगों से रिश्ता जोड़ने में हमें कोई प्रौब्लम नहीं है. मैं नेहा के पापा से बात कर के आप को…’

समीर की मम्मी बीच में ही बोल पड़ीं, ‘मिसेज रजनी आप को अपनी बेटी के बारे में फैसला लेने का पूरा हक है. नेहा के पापा आप से क्यों असहमत होने लगे. नाऊ ऐवरीथिंग इज क्लीयर बिटवीन अस. आप जब कहेंगे, हम इंडिया आ जाएंगे. लीजिए, आप तनवी से बात कीजिए,‘ और उन्होंने फोन आंटी को दे दिया.

आंटी फिर उन की वकालत करने लगीं, ‘उन का बिजनैस अब अच्छा चल रहा है. वे लोग 2 और स्टोर खोल रहे हैं. समीर के लिए अलग से घर खरीद लिया है. भाभी, आप जानती हैं अमेरिका में बच्चे बड़े होने पर मांबाप के साथ नहीं रहते. वे अलग रहना पसंद करते हैं, इसलिए समीर शादी के बाद अपने अलग घर में शिफ्ट हो जाएगा.‘

आगे पढ़ें- आंटी ने जैसे ही फोन रखा, मम्मी मेरे पास आ कर बैठ गईं. वे….

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