किराएदार: कंजूस व्यवहार के शिवनाथजी का कैसे बदला नजरिया?
शिवनाथजी ने पूरी जिंदगी सिर्फ अपने नजरिए से देखते हुए खुद के लिए जी थी. कंजूसी, रूखापन, एकाकीपन जैसे उन के व्यक्तित्व से जुड़ से गए थे. लेकिन दिल के किसी कोने में शायद स्नेह, प्यार के बीज अभी भी दबे थे.