कोई युवती जब पहली बार मां बनने जाती है तो वह कुछ घबराई, शरमाई सी सारे शरीर को लूज कुरते में छिपाए घूमती है. एक समय ऐसा भी आता है जब उस के और कुरते के सम्मिलित प्रयत्न असफल हो जाते हैं और सबको समाचार मिल जाता है कि वह मां बनने जा रही है. इस का अर्थ है कि वह अब विवाहित है और गुलछर्रे नहीं उड़ा सकती.
वैसे भी युवतियां होश संभालते ही अपनी उम्र छिपाने के प्रयत्न आरंभ कर देती हैं, पर समय बीतने के साथ असफल होती जाती हैं. युवतियां चाहे कितना ही जिम जाएं, ब्यूटीपार्लर जाएं, कितने ही चुस्त कपड़े पहनें, किसी भीतरह से अपने को बनाएंसंवारें, बाल रंगें उन के चेहरे की 1-1 रेखा उनकी उम्र की चुगली करती रहती है.
साधारणतया 70: स्त्रियां अपनी उम्र कम कर के बताने के रोग से पीडि़त होती हैं. इन में से कुछ युवतियों को शृंगार की कला से चिढ़ होती है, इसीलिए उन का चेहरा उन की सही उम्र का खुला विज्ञापन होता है. 10% युवतियां चेहरे पर हलकी सी रेखा के दिखाई देते ही खतरे के अलार्म को सुन लेती हैं.
शृंगारप्रसाधनों की तह गहरी करने लगती हैं ताकि समय के पद्चिह्न छिप जाएं. व्यायाम करने लगती हैं. भोजन में चरबी और कार्बोहाइडे्रट वाली वस्तुएं लेना बंद कर देती हैं और उबली हुई बिना नमक की सब्जी पर संतोष करने लगती हैं.
10% स्त्रियां यद्यपि अपनी उम्र कम कर के बताना पसंद नहीं करतीं, पर उम्र पर बहस छिड़ जाए तो मौन धारण करना श्रेयस्कर मानती हैं. बाकी 10% वे युवतियां हैं, जिन्हें अपनी उम्र कम कर के नहीं बतानी पड़ती क्योंकि लोग खुद ही उन्हें कम उम्र वाली सम झते हैं.