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आज वंदिता की ट्रेडमिल पर स्पीड रोज की तरह नहीं थी. कदमों में सुस्ती थी. हमेशा अच्छा वर्कआउट करने वाला जोश गायब था. वार्मअप भी ठीक से नहीं कर पाई थी. आंखों में रातभर जागने के बाद की थकान और उदासी थी. ऐक्सरसाइज नहीं कर पा रही थी, जबकि आज तक ऐसा नहीं हुआ था. उस की फिटनैस पूरी सोसाइटी की महिलाओं के लिए उदाहरण थी. बेहद स्मार्ट, सुंदर, स्लिम वंदिता अपने हंसमुख, बोल्ड स्वभाव के चलते सोसाइटी में सब को प्रिय थी. उस की सहेलियों की नजरें आज जिम में उसी पर थीं. सब उस की मनोस्थिति से अवगत थीं. सहेलियां भी उस की उदासी से उदास थीं.

वंदिता ने अपने बैग से पानी की बोतल निकाल 2 घूंट पीए और फिर अमायरा से बोली, ‘‘आज नहीं हो पा रहा कुछ... चलती हूं.’’

वहीं साइकिल चलाती शिनी ने कहा, ‘‘तू आ गई आज हम तो इसी बात पर खुश हैं... प्राउड औफ यू... यार, बहुत स्ट्रौंग है तू. डौंट वरी... हम तेरे साथ हैं. कुछ करते हैं.’’

अमायरा, शिनी और सिम्मी ने भी ऐक्सरसाइज रोक कर अपनाअपना बैग उठा लिया. तीनों जिम से निकल कर क्लब हाउस में ही स्विमिंग पूल के किनारे रखी चेयर्स पर बैठ गई. सुबह के 11 बज रहे थे. हलकीहलकी धूप में तीनों ने वंदिता को प्यार से देखा. उस की भरी आंखें छलकने को तैयार थीं.

शिनी ने बात शुरू की, ‘‘वंदिता तेरे मैसेज तो रात में ही पढ़ लिए थे. अब यह बता जब कपिल रात को मोहना से न्यू ईयर प्लान डिसकस कर रहा था, तो तूने उसी समय उस की क्लास क्यों नहीं ली?’’

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