कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

काफी बहस हुई पर सुधीर ने दोनों की बोलती बंद कर दी और वार्निंग दे कर चला गया. अमायरा ने अपने फ्लैट की बालकनी से अपने बेटे को स्कूल जाते हुए बाय करते समय सुधीर को आते देख लिया था सो मोहना के फ्लैट के पास खड़े हो कर पूरी बात सुन कर अपने घर चली गई थी.

खुशी के मारे उस की आवाज वंदिता को फोन पर बताते हुए कांप गई, ‘‘बस,

अब तो यह यहां से चली जाएगी... एक मुश्किल तो, खत्म हुई.’’

वंदिता ने शांत स्वर में कहा, ‘‘यह तो तुम लोगों ने बहुत अच्छा किया पर अब कपिल पर मु झे कभी विश्वास नहीं होगा. अब मेरे दिल में उस के लिए कोई जगह नहीं... यह चली जाएगी कोई और आ जाएगी. यही होता रहा है. खैर, थैंक्स यार.’’

उस दिन जब चारों जिम में मिलीं तो सब खुश थीं. वंदिता हंसी, ‘‘तो अमायरा ने मोहना को भगा ही दिया.’’

शिनी ने कहा, ‘‘अब तुम से पार्टी चाहिए.’’

वंदिता जोर से हंसी, ‘‘शर्म करो तुम लोग. इस बात की पार्टी कौन मागता है?’’

‘‘अरे, हम आज की मौडर्न फ्रैंड्स हैं.झ्र ऐसी बातों से निबटेंगे, तो पार्टी तो बनती ही है यार.’’

‘‘ठीक है, पहले इसे आने तो दो.’’

‘‘ठीक है.’’

कपिल 1 हफ्ते के लिए टूर पर था. अब जब तक कुछ बहुत ही जरूरी न हो, उस की और वंदिता की बात ही नहीं होती थी. इस बार जब कपिल टूर से आया तो उस का मूड बहुत ही खराब था. वंदिता ने अंदाजा लगा लिया कि उसे मोहना के फ्लैट खाली करने की टैशन है. कपिल औफिस न गया. बस बैड पर था. कोई काम नहीं कर रहा था. लगातार चैट कर रहा था... मोहना से फोन पर धीरेधीरे बातें कर रहा था. वंदिता प्रत्क्षत: अपने रोज के कामों में व्यस्त थी... ट्यूशन पढ़ा रही थी पर उस की नजरें लगातार कपिल की हरकतों पर थीं. इस आदमी ने उसे बहुत मानसिक कष्ट दिया था. फिर भी उस ने बहुत धैर्य बनाए रख था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...