"अरे दीया, चलो मुसकरा भी दो अब. इस दुनिया की सारी समस्याएं केवल तुम्हारी तो नहीं हैं," सुमि ने कहा तो यह लाजवाब बात सुन कर दीया हंस दी और उस ने सुमि के गाल पर एक मीठी सी चपत भी लगा दी.

"अरे सुनो, हां, तो यह चाय कह रही है कि गरमगरम सुड़क लो ठंडी हो जाऊंगी तो चाय नहीं रहूंगी," सुमि ने कहा.

"अच्छा, मेरी मां," कह कर दीया ने कप हाथों में थामा और होंठों तक ले आई. सुमि के हाथ की गरम चाय घूंटघूंट पी कर मन सचमुच बागबाग हो गया उस का.

"चलो, अब मैं जरा हमारे दिसु बाबा को बाहर सैर करा लाती हूं. तुम अपना मन हलका करो और यह संगीत सुनो," कह कर सुमि ने 80 के दशक के गीत लगा दिए और बेबी को ले कर बाहर निकल गई.

दीया ने दिसु के बाहर जाने से पहले उसे खूब प्यार किया...'10 महीने का दिसु कितना प्यारा है. इस को देख कर लगता है कि यह जीवन, यह संसार कितना सुंदर है,' दीया ने मन ही मन सोचा और खयालों में डूबती चली गई.

यादों के सागर में दीया को याद आया 2 साल पहले वाला वह समय, जब मेकअप रूम में वह सुमि से टकरा गई थी. दीया तैयार हो रही थी और सुमि क्लब के मैनेजर से बहस करतेकरते मेकअप रूम तक आ गई थी. वह मैनेजर दीया को भी कुछ डांस शो देता था, पर दीया तो उस से भयंकर नफरत करती थी. दीया का मन होता कि उस के मुंह पर थूक दे, क्योंकि उस ने दीया को नशीली चीजें पिला कर जाने कितना बरबाद कर डाला था. आज वह मैनेजर सुमि को गालियां दे रहा था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...