जारुल ने अपने हैल्थ बैंड में देखा, अभी भी उसे 300 कैलोरी और बर्न करनी थी. पूरा शरीर दर्द कर रहा था मगर उस के सिर पर तो फिटनैस का ऐसा भूत सवार था कि फिर से टे्रड मिल पर चढ़ गई. आधे घंटे बाद जब जारुल नीचे उतरी तो पसीने से तरबतर थी और बुरी तरह हांफ रही थी.

जिम ट्रेनर शाबाशी देते हुए बोला, ‘‘यह देखो कौन कहेगा कि मैडम 50 साल की हैं.’’ जारुल जब घर पहुंची तो थक कर टूट चुकी थी मगर उसे तो सब लोगों के लिए एक मिसाल बनना था. 50 की उम्र में भी 20 वर्ष का दिखना और महसूस करना. अपनी डाइट के साथसाथ अपने लाइफस्टाइल पर भी पूरा कंट्रोल था. मजाल है जो वह कभी भी आलू या चीनी को अपनी जबान पर रख ले. उस का वजन आज भी ज्यों का त्यों था 55 किलोग्राम. वह युवा दिखने और लगने की चाह में पागल हो चुकी थी.

बहुत बार जारुल इस हद तक गुजर जाती मानो वह खुद पर अत्याचार कर रही हो. कभीकभी उस के पति परितोष बोलते, ‘‘जारुल क्यों खुद पर इतने जुल्म कर रही हो. एक उम्र के बाद इतनी ऐक्सरसाइज और डाइटिंग ठीक नहीं है.’’

जारुल चिड़ते हुए कहती, ‘‘हांहां तुम तो यह कहोगे ही क्योंकि सब मु झे तुम्हारी बीवी नहीं बेटी जो मानते हैं.’’ परितोष बस मन ही मन हंस कर रह जाते. कैसे वे अपनी बीवी को सम झाएं कि क्या उम्र को कभी कोई पकड़ कर रख पाया है. मगर जारुल न जाने क्यों अपनी उम्र को स्वीकार नहीं कर पा रही थी. उधर जारुल अनजाने में ही अपनी बेटी से प्रतियोगिता करने लगी थी. उस की बेटी रुन झुन इस बात से बहुत परेशान रहती थी कि लोग उसे और उस की मम्मी को मांबेटी कम, बहनें अधिक मानते.

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